kinetics oq
4.1 निम्न अभिक्रियाओं के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए।
(i) 3NO(g) → N₂O (g) वेग = k [NO]²
(ii) H₂O₂ (aq) + 3I⁻ (aq)+ 2H+ → 2H₂O (l) + I₃⁻ वेग = k [H₂O₂][I⁻]
(iii) CH₃CHO (g) → CH₃ (g) + CO(g) वेग = k [CH₃CHO]³/²
(iv) C₂H₅Cl (g) → C₂H₄ (g) + HCl (g) वेग = k [C₂H₅Cl]
4.2 अभिक्रिया 2A + B → A₂B के लिए वेग = k [A][B]² यहाँ k का मान 2.0 × 10⁻6 mol⁻² L² s⁻¹ है। प्रारंभिक वेग की गणना कीजिए; जब [A] = 0.1 mol L⁻¹ एवं [B]= 0.2 mol L⁻¹ हो तथा अभिक्रिया वेग की गणना कीजिए; जब [A] घट कर 0.06 mol L⁻¹ रह जाए।
4.3 प्लैटिनम सतह पर NH₃ का अपघटन शून्य कोटि की अभिक्रिया है। N₂ एवं H₂ के उत्पादन की दर क्या होगी जब k का मान 2.5 × 10-4 mol L⁻¹ s⁻¹ हो?
4.4 डाईमेथिल ईथर के अपघटन से CH₄, H₂ तथा CO बनते हैं। इस अभिक्रिया का वेग निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है-
वेग = k [CH₃OCH₃]³/²
अभिक्रिया के वेग का अनुगमन बंद पात्र में बढ़ते दाब द्वारा किया जाता है, अतः वेग समीकरण को डाईमेथिल ईथर के आंशिक दाब के पद में भी दिया जा सकता है। अतः
वेग = K(P CH₃OCH₃)³/²
यदि दाब को bar में तथा समय को मिनट में मापा जाये तो अभिक्रिया के वेग एवं वेग स्थिरांक की इकाइयाँ क्या होंगी?
4.5 रासायनिक अभिक्रिया के वेग पर प्रभाव डालने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
4.6 किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है। अभिक्रिया का वेग कैसे प्रभावित होगा; यदि अभिक्रियक की सांद्रता-
(i) दुगुनी कर दी जाए (ii) आधी कर दी जाए
4.7 वेग स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है? ताप के इस प्रभाव को मात्रात्मक रूप में कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?
8. एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया के निम्नलिखित आँकड़े प्राप्त हुए-
t/s | 0 | 30 | 60 | 90 |
[A]/mol L⁻¹ | 0.55 | 0.31 | 0.17 | 0.085 |
30 से 60 सेकेंड समय अंतराल में औसत वेग की गणना कीजिए।
4.9 एक अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति द्वितीय कोटि की है
(i) अवकल वेग समीकरण लिखिए।
(ii) B की सांद्रता तीन गुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
(iii) A तथा B दोनों की सांद्रता दुगुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
4.10 A और B के मध्य अभिक्रिया में A और B की विभिन्न प्रारंभिक सांद्रताओं के लिए प्रारंभिक वेग (r₀) नीचे दिए गए हैं।
A और B के प्रति अभिक्रिया की कोटि क्या है?
A/mol L⁻¹ | 0.20 | 0.20 | 0.40 |
b/mol L⁻¹ | 0.30 | 0.10 | 0.05 |
r₀/mol L⁻¹s⁻¹ | 5.07 x 10⁻⁵ | 5.07 x 10⁻⁵ | 1.43 x 10⁻⁴ |
4.11 2A + B → C + D अभिक्रिया की बलगतिकी अध्ययन करने पर निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए। अभिक्रिया के लिए वेग नियम तथा वेग स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
प्रयोग | A/mol L⁻¹ | B/mol L⁻¹ | D के विरचन का प्ररारंभिक वेग/mol L⁻¹ min⁻¹ |
I. | 0.1 | 0.1 | 6.0 x 10⁻³ |
II. | 0.3 | 0.2 | 7.2 x 10⁻² |
III. | 0.3 | 0.4 | 2.88 x 10⁻¹ |
IV. | 0.4 | 0.1 | 2.40 x 10⁻² |
4.12 A तथा B के मध्य अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति शून्य कोटि की है। निम्न तालिका में रिक्त स्थान भरिए।
प्रयोग | [A]/ mol L⁻¹ | [B]/ mol L⁻¹ | प्ररारंभिक वेग/mol L⁻¹ min⁻¹ |
i. | 0.1 | 0.1 | 2.0 x 10⁻² |
ii. | - | 0.2 | 4.0 x 10⁻² |
iii. | 0.4 | 0.4 | - |
iv. | - | 0.2 | 2.0 x 10⁻² |
4.13 नीचे दी गई प्रथम कोटि की अभिक्रियाओं के वेग स्थिरांक से अर्धायु की गणना कीजिए-
(i) 200 s⁻¹ (ii) 2 min⁻¹ (iii) 4 year⁻¹
4.14 ¹⁴C के रेडियोएक्टिव क्षय की अर्धायु 5730 वर्ष है। एक पुरातत्व कलाकृति की लकड़ी में, जीवित वृक्ष की लकड़ी की तुलना में 80 % ¹⁴C की मात्रा है। नमूने की आयु का परिकलन कीजिए।
4.15 गैस प्रावस्था में 318 K पर N₂O₅ के अपघटन की [2 N₂O₅ → 4NO₂ + O₂] अभिक्रिया के आँकड़े नीचे दिए गए हैं-
t/s | 0 | 400 | 800 | 1200 | 1600 | 2000 | 2400 | 2800 | 3200 |
10² x [N₂O₅]/mol L⁻¹ | 1.63 | 1.36 | 1.14 | 0.93 | 0.78 | 0.64 | 0.53 | 0.43 | 0.35 |
(i) [N₂O₅] एवं t के मध्य आलेख खींचिए।
(ii) अभिक्रिया के लिए अर्धायु की गणना कीजिए।
(iii) log[N₂O₅] एवं t के मध्य ग्राफ खींचिए।
(iv) अभिक्रिया के लिए वेग नियम क्या है?
(v) वेग स्थिरांक की गणना कीजिए।
(vi) k की सहायता से अर्धायु की गणना कीजिए तथा इसकी तुलना (ii) से कीजिए।
4.16 प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक 60s⁻¹ है। अभिक्रियक को अपनी प्रारंभिक सांद्रता से 1/16 वाँ भाग रह जाने में कितना समय लगेगा?
4.17 नाभिकीय विस्फोट का 28.1 वर्ष अर्धायु वाला एक उत्पाद ⁹⁰Sr होता है। यदि कैल्सियम के स्थान पर 1µg, ⁹⁰Sr नवजात शिशु की अस्थियों में अवशोषित हो जाए और उपापचयन से ह्रास न हो तो इसकी 10 वर्ष एवं 60 वर्ष पश्चात् कितनी मात्रा रह जाएगी?
4.18 दर्शाइए कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 99% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगा समय 90% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगने वाले समय से दुगुना होता है।
4.19 एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 30% वियोजन होने में 40 मिनट लगते हैं।(
1/2 t1/2 की गणना कीजिए। t1/2
4.20 543 K ताप पर एज़ोआइसोप्रोपेन के हेक्सेन तथा नाइट्रोजन में विघटन के निम्न आँकड़े प्राप्त हुए। वेग स्थिरांक की गणना कीजिए।
t(sec) | P(in mm Hg ) |
0 | 35.0 |
360 | 54.0 |
720 | 63.0 |
4.21 स्थिर आयतन पर, SO₂Cl₂ के प्रथम कोटि के ताप अपघटन पर निम्न आँकड़े प्राप्त हुए-
अभिक्रिया वेग की गणना कीजिए जब कुल दाब 0.65 atm हो।
प्रयोग | समय/s | कुल दाब /atm |
1 | 0 | 0.5 |
2 | 100 | 0.6 |
4.22 विभिन्न तापों पर N₂O₅ के अपघटन के लिए वेग स्थिरांक नीचे दिए गये हैं-
T/°C | 0 | 20 | 40 | 60 | 80 |
10⁵ X K/s⁻¹ | 0.0787 | 1.70 | 25.7 | 178 | 2140 |
ln k एवं 1/T के मध्य ग्राफ खींचिए तथा A एवं Eₐ की गणना कीजिए। 30ºC तथा 50ºC पर वेग स्थिरांक को प्रागुक्त कीजिए।
4.23 546 K ताप पर हाइड्रोकार्बन के अपघटन में वेग स्थिरांक 2.418 × 10⁻⁵ s⁻¹ है। यदि सक्रियण ऊर्जा
179.9 kJ/mol हो तो पूर्व-घातांकी गुणन का मान क्या होगा?
4.24 किसी अभिक्रिया A → उत्पाद के लिए k = 2.0 × 10⁻² s⁻¹ है। यदि A की प्रारंभिक सांद्रता 1.0 mol L-1 हो तो 100s के पश्चात् इसकी सांद्रता क्या रह जाएगी?
4.25 अम्लीय माध्यम में सूक्रोस का ग्लूकोस एवं फ्रक्टोज़ में विघटन प्रथम कोटि की अभिक्रिया है। इस अभिक्रिया की अर्धायु 3.0 घंटे है। 8 घंटे बाद नमूने में सूक्रोस का कितना अंश बचेगा?
4.26 हाइड्रोकार्बन का विघटन निम्न समीकरण के अनुसार होता है। Eₐ की गणना कीजिए।
k = (4.5 × 10¹¹s⁻¹) e⁻²⁸⁰⁰⁰ᵏ/T
4.27 H₂O₂ के प्रथम कोटि के विघटन को निम्न समीकरण द्वारा लिख सकते हैं-
log k = 14.34 - 1.25 × 10⁴ K/T
इस अभिक्रिया के लिए Eₐ की गणना कीजिए। कितने ताप पर इस अभिक्रिया की अर्धायु 256 मिनट होगी?
4.28 10ºC ताप पर A के उत्पाद में विघटन के लिए k का मान 4.5 × 10³s⁻¹ तथा सक्रियण ऊर्जा 60 kJ mol-1 है किस ताप पर k का मान 1.5 × 10⁴ s⁻¹ होगा?
4.29 298 K ताप पर प्रथम कोटि की अभिक्रिया के 10% पूर्ण होने का समय 308 K ताप पर 25% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगे समय के बराबर है। यदि A का मान 4 × 10¹⁰ s⁻¹ हो तो 318 K ताप पर k तथा Eₐ की गणना कीजिए।
4.30 ताप में 293 K से 313 K तक वृद्धि करने पर किसी अभिक्रिया का वेग चार गुना हो जाता है। इस अभिक्रिया के लिए सक्रियण ऊर्जा की गणना यह मानते हुए कीजिए कि इसका मान ताप के साथ परिवर्तित नहीं होता।
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